Thursday, October 8, 2020

नोएडा में होगा देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, one runway initially, 90% domestic traffic:

नोएडा में होगा देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, ज्यूरिख इंटरनेशनल ने किए करार पर हस्ताक्षर


देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनाने के लिए  7 October को नोएडा एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के अधिकारियों ने करार पर हस्ताक्षर किए। करार के साथ ही 2023 में उड़ान शुरू होने की उम्मीद दोगुनी हो गई है। ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि पहले ही भारत आ चुके थे।


अधिकारियों के मुताबिक, नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एजी ने यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) कंपनी बनाई है। इस कंपनी और नियाल में करार हुआ। कोरोना को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन प्रेसवार्ता हुई। इसमें कई देशों के मीडिया प्रतिनिधि भी शामिल रहे।
 
नियाल के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एजी के अधिकारी मलेशिया और स्विट्जरलैंड से भी ऑनलाइन इस करार में शामिल हुए। इसके लिए यीडा/नियाल के दफ्तर को सजाकर गमलों पर चित्रकारी की गई थी। इसके लिए दिल्ली विवि आर्ट्स के छात्रों को बुलाया गया था। 

दो बार टल चुकी थी करार की तिथि
एयरपोर्ट बनाने के लिए करार की तिथि दो बार पहले टल चुकी है। कोरोना के कारण उड़ानें न होने से ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि देश में नहीं आ पा रहे थे। ज्यूरिख कंपनी की तरफ से गठित एसपीवी कंपनी को सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिलने के 45 दिन के भीतर कंसेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होना जरूरी होता है। एसपीवी को सिक्योरिटी क्लीयरेंस 18 मई को मिली थी। 2 जुलाई तक एग्रीमेंट होना जरूरी था। कोरोना के कारण 17 अगस्त तक इसकी तिथि बढ़ाई गई थी। हालात सामान्य नहीं होने पर तिथि फिर 15 अक्तूबर तक की गई थी।

नियाल में हैं चार हिस्सेदार
नियाल में चार संस्थाएं हिस्सेदार हैं। राज्य सरकार व नोएडा प्राधिकरण की 37.5-37.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण की 12.5-12.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

इन कंपनियों को पछाड़ते हुए ज्यूरिख ने लिया ठेका 
कई बड़ी कंपनियों ने आवेदन किए थे, लेकिन सबसे ज्यादा राजस्व देने की बोली लगाकर ज्यूरिख ने करीब 29,500 करोड़ रुपये के नोएडा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को हासिल कर लिया। कंपनी ने 400.97 रुपये प्रति यात्री राजस्व देने का प्रस्ताव दिया, जबकि अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 360 रुपये, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने 351 रुपये और एनकोर्ज इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट होल्डिंग लिमिटेड ने 205 रुपये प्रति यात्री राजस्व देने की बोली लगाई थी।

एयरपोर्ट की मंजूरी के लिए कब क्या हुआ...

6 जुलाई 2017: निर्माण साइट की अनुमति मिली।
5 अक्तूबर 2017: गृह मंत्रालय ने एनओसी दी।
6 नवंबर 2017: गृह मंत्रालय ने इमीग्रेशन की एनओसी दी।
29 दिसंबर 2017: यमुना प्राधिकरण ने सलाहकार कंपनी का चयन किया।  
11 जनवरी 2018: रक्षा मंत्रालय ने एनओसी दी।
23 अप्रैल 2018: नागर विमानन मंत्रालय ने दी सैद्धांतिक मंजूरी
30 अक्तूबर 2018: जमीन लेने की अधिसूचना (धारा-11)
07 मई 2019: ग्लोबल बिड निकालने को मिली मंजूरी
29 नवंबर 2019: टेंडर खुला, ज्यूरिख कंपनी ने लगाई सबसे ज्यादा बोली
18 मई 2020: ज्यूरिख कंपनी के एसपीवी को मिली सिक्योरिटी क्लीयरेंस   
02 जुलाई-2020: करार की पहली तिथि तय, टली
17 अगस्त-2020: करार की दूसरी तिथि तय, फिर टली
28 सितंबर 2020: ज्यूरिख कंपनी से करार की तिथि तय
7 अक्तूबर 2020 ः ज्यूरिख इंटरनेशनल और नियाल ने किए करार पर हस्ताक्षर
Here are 10 updates on the upcoming Noida International Airport:
1) "We will obviously work with the local construction partners to build it (Noida airport) but we will be the main investor at the moment," Daniel Bircher, Chief Executive Officer, Zurich Airport International (Asia) told PTI in an interview. He said the company might get another financial investor at a later stage to develop the airport further.

2) "As a strategic objective, we are looking at building a platform of airports in India in the mid-term. So, it could be that we will join hands with a financial investor in a later stage to make this platform (Noida airport) grow. At this stage of the development phase (of Noida airport), we will do it ourselves," he added.

3) Zurich Airport International currently holds 100 per cent shareholding in the Noida airport project. It had outbid the Delhi International Airport Limited (DIAL), Adani Enterprises and Anchorage Infrastructure Investments Holdings Limited to win the 40-year concession for the Noida airport. The GMR group-led DIAL operates the Indira Gandhi International Airport (IGIA) in Delhi.

4)"What we know today is that the Delhi airport (IGIA) has natural limitations in the peak hours, so the airlines that want to operate during the peak hours will find ways to operate. So, there will be a shift of these airlines," Bircher told.

"So, will the same airline also use the airport to do international flights? That is up to the airline to decide. I do not see this (Noida) airport to be the competition to the international traffic at the existing airport (IGIA). That will not change for some time," he added.

5) When asked if the ongoing coronavirus pandemic has changed its air traffic projections at the Noida airport, Bircher said," Today, there is an impact (due to the pandemic) but we are very confident that India with such a large domestic market...will very strongly rebound as we have seen in 2011-12."

6) In the last 5-6 years, a growth rate of 20 per cent plus has been observed for some airports in India so any substantial changes in traffic projections are not seen, he added.

Bircher told the PTI, "Domestic travel, I have no doubt, will rebound very quickly. Since, we are going to have 90 per cent domestic traffic in the initial years...I think that our assumption still holds true."

7)When asked if the government has informed the company by when the construction of metro -- connecting the airport with the wider Delhi region -- will happen, he replied, "Our understanding is that the planning has been completed and the government is looking at starting the execution soon to bring it to the airport by the time we start operating."

The Noida airport site is around 70 km from the main Delhi region.

He said the company has a total of three and half years to build the Noida airport.

8) "We have three and half years, so we have six months to do financial closure, and the concession starts then and we have three years to build the airport," Bircher mentioned.

He said they were working hard now in the planning stage.

"We are looking at 4,500 crore of investment for the first phase. This is in an area of 1,334 hectares of land that has been given to be developed. This includes one runway, apron space, this includes 12 boarding bridges for the terminal, and it also includes cargo catering space," he said.

He said that in the planning stage, they were focusing on digitisation so as to give contactless services to passengers.

"We are focusing on short connecting times....We want to make it easier for the passenger to connect (for the other flight) and also for the airline to reduce the time the aircraft is on ground so that reduces the cost for the airline," Bircher said.

ends 
courtesy PTI

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